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SpaceX starship

SpaceX Starship अब तक का सबसे बड़ा और शक्तिशाली अंतरिक्ष यान है, जिसे एलन मस्क की कंपनी SpaceX ने विकसित किया है। इसकी शुरुआत 2012 में मार्स कॉलोनाइज़ेशन प्रोजेक्ट के तहत हुई, जिसका उद्देश्य था कि भविष्य में इंसानों को मंगल ग्रह पर बसाया जा सके। 2016 में, एलन मस्क ने इसे इंटरप्लेनेटरी ट्रांसपोर्ट सिस्टम (ITS) के रूप में प्रस्तुत किया, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर Big Falcon Rocket (BFR) कर दिया गया। 2018 में, इसे आधिकारिक तौर पर Starship नाम दिया गया और यह SpaceX की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना बन गई। Starship पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य (Reusable) रॉकेट सिस्टम है, जिसे गहरे अंतरिक्ष मिशनों, मंगल ग्रह पर मानव बसाने, चंद्र मिशनों और भारी पेलोड ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह दो भागों में विभाजित है – पहला Super Heavy Booster, जो पहला चरण (First Stage) है और दूसरा Starship Spacecraft, जो दूसरा चरण (Second Stage) है। Super Heavy Booster में 33 रैप्टर इंजन लगे हैं, जो इसे 7400 टन से अधिक थ्रस्ट प्रदान करते हैं, जबकि Starship Spacecraft में 6 रैप्टर इंजन होते हैं, जिनमें से तीन वैक्यूम इंजन हैं, जो इसे अंतरिक्ष में काम करने के लिए सक्षम बनाते हैं। यह रॉकेट स्टेनलेस स्टील से बना है, जो इसे अत्यधिक तापमान और घर्षण से बचाने में मदद करता है। इसकी कुल ऊँचाई 120 मीटर और व्यास 9 मीटर है। यह 150 टन तक पेलोड ले जा सकता है, लेकिन जब इसे पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य बनाया जाएगा, तब इसकी क्षमता 100 टन तक होगी। इसकी ईंधन प्रणाली में तरल ऑक्सीजन (LOX) और मीथेन (Methane) का उपयोग किया जाता है, जिससे इसे मंगल ग्रह पर ईंधन पुनः उत्पन्न करने में मदद मिलेगी। Starship का पहला प्रोटोटाइप Starhopper था, जिसे 2019 में परीक्षण के लिए लॉन्च किया गया था। इसके बाद SN1 से लेकर SN15 तक कई प्रोटोटाइप बनाए गए, जिनमें से SN8, SN9, SN10, SN11 और SN15 की उच्च ऊँचाई वाली परीक्षण उड़ानें हुईं। SN15 पहला ऐसा प्रोटोटाइप था, जिसने सफलतापूर्वक लैंडिंग की। 2023 में, SpaceX ने पहली बार Starship Integrated Flight Test (IFT-1) लॉन्च किया, लेकिन यह उड़ान 4 मिनट बाद असफल हो गई। नवंबर 2023 में IFT-2 मिशन के दौरान, Starship लगभग 90 किमी की ऊँचाई तक गया लेकिन फिर से विफल हो गया। अब 2024 में IFT-3 और IFT-4 मिशन की तैयारी चल रही है, जिसमें Starship को कक्षा (Orbit) तक पहुँचाने की योजना है। NASA के Artemis प्रोग्राम में Starship को चंद्र लैंडर के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे इंसान फिर से चंद्रमा पर उतरेंगे। इसके अलावा, SpaceX का लक्ष्य है कि यह यान भविष्य में स्पेस टूरिज्म, डीप स्पेस मिशन, सैटेलाइट लॉन्च और मंगल ग्रह पर मानव कॉलोनी बसाने के लिए इस्तेमाल किया जाए। अगर यह परियोजना सफल होती है, तो SpaceX Starship अंतरिक्ष यात्रा की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है और इंसानों को मल्टी-प्लैनेटरी स्पीशीज बनाने में मदद कर सकता है।

SpaceX Starship से जुड़े 5 महत्वपूर्ण FAQs

1. SpaceX Starship क्या है?
SpaceX Starship एक पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य अंतरिक्ष यान है, जिसे SpaceX ने गहरे अंतरिक्ष मिशनों, चंद्र और मंगल ग्रह पर मानव भेजने के लिए विकसित किया है। यह दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा और शक्तिशाली रॉकेट सिस्टम है, जिसकी कुल ऊँचाई 120 मीटर और भार क्षमता 150 टन तक है।

2. SpaceX Starship का मुख्य उद्देश्य क्या है?
Starship का मुख्य उद्देश्य मंगल ग्रह पर मानव बसाना, चंद्र मिशनों में सहायता करना, भारी सैटेलाइट लॉन्च करना और अंतरिक्ष पर्यटन को सुलभ बनाना है। यह पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य है, जिससे अंतरिक्ष यात्रा की लागत कम होगी।

3. SpaceX Starship में कितने इंजन होते हैं?


Starship दो भागों में बंटा होता है—Super Heavy Booster और Starship Spacecraft। Super Heavy में 33 रैप्टर इंजन होते हैं, जबकि Starship Spacecraft में 6 रैप्टर इंजन होते हैं, जिनमें से 3 वैक्यूम इंजन अंतरिक्ष में काम करने के लिए होते हैं।

4. SpaceX Starship का पहला परीक्षण कब हुआ था?
Starship का पहला प्रोटोटाइप Starhopper था, जिसका 2019 में परीक्षण किया गया। इसके बाद SN1 से लेकर SN15 तक कई प्रोटोटाइप बने। 2023 में पहला पूर्ण Integrated Flight Test (IFT-1) लॉन्च हुआ, लेकिन यह 4 मिनट बाद असफल हो गया।

5. SpaceX Starship को ईंधन के रूप में क्या उपयोग किया जाता है?
Starship में तरल ऑक्सीजन (LOX) और मीथेन (Methane) का उपयोग किया जाता है। मीथेन को मंगल ग्रह पर भी बनाया जा सकता है, जिससे यह ग्रहों के बीच यात्रा करने के लिए सबसे उपयुक्त ईंधन प्रणाली बनाता है।

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