प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कोलकाता में देश की पहली अंडरवॉटर मेट्रो का उद्घाटन किया। यह परियोजना एक तकनीकी चमत्कार है और भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नया अध्याय जोड़ती है। इस मेट्रो का निर्माण हुगली नदी के नीचे किया गया है, जो हावड़ा और सॉल्ट लेक शहर को जोड़ता है। इसका उद्देश्य कोलकाता में यातायात की भीड़ को कम करना और लोगों की यात्रा को सुविधाजनक बनाना है।
इस मेट्रो सेवा की कुल लंबाई 16.5 किलोमीटर है, जिसमें से 10.8 किलोमीटर भूमिगत है। इस परियोजना को सफल बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है। इससे पहले भारत में कभी भी नदी के नीचे कोई परिवहन सुरंग नहीं बनाई गई थी। इस परियोजना के कारण, भारत के मेट्रो नेटवर्क में कोलकाता को एक महत्वपूर्ण स्थान मिल गया है।
हुगली नदी के नीचे बिछाई गई गहरी सुरंग
हुगली नदी के नीचे बनी इस सुरंग की गहराई 30 मीटर है, जो हावड़ा मैदान और एस्प्लेनेड स्टेशनों को जोड़ती है। यह 4.8 किलोमीटर लंबी सुरंग है, जिसमें 1.2 किलोमीटर का हिस्सा नदी के नीचे है। इस परियोजना ने भारतीय इंजीनियरिंग को एक नई पहचान दी है और यह भारत की पहली जलमग्न परिवहन सुरंग है।
इस सुरंग को उच्चतम सुरक्षा मानकों के अनुसार डिजाइन किया गया है। इसमें आपातकालीन सेवाओं के लिए विशेष सुविधाएँ भी शामिल की गई हैं। इसके अतिरिक्त, मेट्रो ट्रेनें पूरी तरह वातानुकूलित हैं और यात्रियों की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक से लैस हैं।
यात्रा का समय और किराया संरचना
कोलकाता की इस नई मेट्रो सेवा का किराया आम जनता की पहुंच में है। टिकट की कीमत 5 रुपये से शुरू होकर 50 रुपये तक जाती है, जोकि यात्रा की दूरी पर निर्भर करती है। शुरुआती दो किलोमीटर के लिए किराया 5 रुपये निर्धारित किया गया है, जबकि दूरी बढ़ने पर यह क्रमशः बढ़ता है।
यात्रा की गति भी सराहनीय है। सेक्टर V से हावड़ा तक की यात्रा केवल 27 मिनट में पूरी हो जाती है, जिससे यात्रा का समय बहुत कम हो जाता है। यह मेट्रो सेवा न केवल तेज है, बल्कि यह यात्रियों को सुगमता भी प्रदान करती है।
आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित मेट्रो सेवा
कोलकाता की इस मेट्रो सेवा में यात्रियों के आराम का विशेष ध्यान रखा गया है। ट्रेनें और स्टेशन पूरी तरह वातानुकूलित हैं, जिससे यात्रियों को गर्मी से राहत मिलेगी। ट्रेन के अंदर बैठने की व्यवस्था और सुरक्षा के उपाय अत्याधुनिक हैं। सुरंग के भीतर वेंटिलेशन सिस्टम और आपातकालीन पंखों की व्यवस्था यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
इसके अलावा, सुरंग के भीतर और स्टेशनों पर आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था भी की गई है, ताकि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों की मदद की जा सके। यह मेट्रो सेवा यात्रियों को न केवल आरामदायक सफर मुहैया कराती है, बल्कि उनकी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखती है।
शहरवासियों के लिए बड़ा फायदा
कोलकाता के निवासियों के लिए यह अंडरवॉटर मेट्रो सेवा एक बड़ा वरदान साबित होगी। यह सेवा हावड़ा, हुगली, और अन्य जिलों के यात्रियों को जोड़ती है और उनके लिए दैनिक यात्रा को बहुत आसान बनाती है। मेट्रो का अन्य लाइनों से एकीकरण भी किया गया है, जिससे यात्री पूरे शहर में एक ही टोकन या स्मार्ट कार्ड से यात्रा कर सकते हैं।
इस मेट्रो सेवा के माध्यम से कोलकाता के नागरिक अब कम समय में अधिक दूरी तय कर सकते हैं। साथ ही, यह सेवा छात्रों, चिकित्सा के लिए यात्रा करने वाले मरीजों, और अन्य रोजाना यात्रियों के लिए भी बहुत सुविधाजनक है।
निष्कर्ष
कोलकाता की पानी के नीचे अंडरवॉटर मेट्रो सेवा भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है। यह मेट्रो सेवा अत्याधुनिक तकनीक और सुरक्षा सुविधाओं से सुसज्जित है। इसका उद्घाटन देश की प्रगति का प्रतीक है और यह कोलकाता के निवासियों के लिए यात्रा को सुगम और आरामदायक बनाएगी।
यह परियोजना न केवल समय और ऊर्जा की बचत करेगी, बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल परिवहन साधन के रूप में भी उभरेगी। भारत की पहली अंडरवॉटर मेट्रो सेवा के रूप में, यह हमारे देश की प्रगति और तकनीकी उन्नति का एक अद्वितीय उदाहरण है।
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